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सुसमाचार-प्रचार सभा में आमंत्रण ChsHin 168

एक व्यक्ति अनेक काम कर सकता है, यदि वो उस काम को करने का मन बना ले। मन में ठान ले, कई ऐसे भी है जो परमेश्वर के भवन में वचन को सुनने एवं उपदेश सुनने नहीं जाते। व्यक्तिगत प्रयासों द्वारा बुद्धिमानी से सरल व सहज रूप से ऐसे लोगों को प्रभु के भवन की ओर कदम बढ़ाने के लिये तैयार किया जा सकता है। उनके जीवन में बदलाव पूरी तरह से उनके मन-मस्तिश्क को पहली बार ही वर्तमान समय की सच्चाई को सुनकर आ सकता है, यदि आपकी सलाह की अवहेलना भी की जाती है तो निराष मत होईये । लगातार प्रयास करते रहें जब तक जीत का ताज आपके सिर पर न रखा जाये। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड-10 जून 1880 ChsHin 168.3