परमेश्वर के नियम के बदले मानव निर्मित कानून उसकी प्रशंसा केवल मानवीय अधिकार, बाइबल के सब्बत के दिन के बदले रविवारिय प्रार्थना की इस नाटक का अंतिम पटाक्षेप अंतिम दष्श्य है । जब ये सारे बदलाव जगत में होगें परमेश्वर अपने आप प्रकट होगा। बह अपनी सामर्थ से उठेगा। वह स्वर्ग में उतरेगा और जगत के लोगों को उनके अधर्म का दण्ड देगा तब पष्थ्वी से रक्त बह निकलेगा और वह अपने हत्यारों को फिर नहीं छिपायेगी । (द टेस्टमनीज फार द चर्च 7:141) ChsHin 222.2
जब हमारा राश्ट्र सरकार के सिद्धांतों को मानने के तैयार होगा कि रविवारिय कानून लागू हो तब प्रोटेस्टेन्ट आदि भी पोपियत से हाथ मिला लेगे। ये सिर्फ अपने जीवन को एक ऐसे तानाशाह के हाथ में देने जैसा होगा, जो काफी लम्बे समय से इस अवसर की ताक में था कि वो फिर से ताकत पाकर सिर उठा सकें। (द टेस्टमनीज फार द चर्च 5:712) ChsHin 223.1
-पोप की सत्ता के द्वारा जबरदस्ती थोपी गयी आज्ञा जो परमेश्वर की आज्ञा का न मानना है, हमारे देश के लोगों को पूरी तरह से परमेश्वर की धार्मिकता से दूर कर देगा। और जब प्रोटेस्टेंटवाद रोमन साम्राज्य का हाथ थामकर उसका साथ देने लगेगा। और ये दोनों ताकते मिलकर धार्मिकता में एक हो जायेगी तथा इस त्रिकोणीय संगठन की ताकत हमारे राश्ट्र को भी प्रभावित करेगी कि हमारा देश भी उसके सिद्धांतों को मानने के लिये, जैसे प्रोटेस्टेन्ट और रिपब्लिकल्स षासन ने किया सब मिलकर झूठे धर्म और धोखे में पड़ जायेगें। तब हम सब यह जान लेगें कि समय आ चुका है कि शैतान अपना आखिरी तीर चलाये और तब अंत निकट है। (द टेस्टमनीज फार द चर्च 5:451) ChsHin 223.2
वह समय कोई दूर नहीं है, ठीक उसी प्रकार जब प्रारंभ में चेलों के लिये था कि हमें भी एकांत में या जंगलों में भाग जाना होगा। जिस प्रकार रोमी सेना के द्वारा येरूशेलम के घेर लिये जाने पर यहूदी मसीहियों के लिये एक संकेत था कि वे वहां से भाग जाये। ठीक वैसा ही जब सभी ताकतें मिलकर एक हो जायेगी और पोप के द्वारा घोशित सब्बत को मानने की आज्ञा निकलेगी तब हमारे लिये भी एक चेतावनी होगी कि हम भी बडे शहरों को छोडकर उन छोटे स्थानों में जो पहाडों पर बसे है चले जाये। (द टेस्टमनीज फार द चर्च 5:464 465) ChsHin 223.3