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सम्पूर्ण मन से ChsHin 315

परमेष्वर के लोगों को अलग से पहचाना जाना चाहियें, जो पूरी तरह से उसके सेवक, सम्पूर्ण मन से समर्पित, स्वयं के सम्मान के लिये नहीं और ये याद रखते हुये कि वे एक बहुत ही पवित्र वजह से बंधे हुये, परमेष्वर की सेवा करते और केवल उसी की सेवा करते है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च-9:17) ChsHin 315.1

ये वे स्त्री व पुरूश है, जिन्होने पूरी से ठान लिया है कि सम्पूर्ण मन व हष्दय से प्रभु के लिये खड़े होंगे। ख्रीश्ट ने अपने षिश्यों को बार-बार परखा है। जब तक कि एक समय आया, जब केवल ग्यारह ही बचे और कुछ विष्वास योग्य स्त्रिायाँ जिन्होंने ख्रीश्ट की कलीसिया की नींव डालने का काम किया। वे भी है जो पीछे रहेंगे। ताकि अधिक बोझ उठाने पायें । किन्तु जब कलीसिया स्थापित हो गई और चमक उठी तब उन्होंने उनके जोष को गीतों के गाने चिल्लाने और खुषी से झूमने को देखा। और देखते रहे। और जब जोष कम हो गया तो केवल कुछ ही “कालेवत्रब’ सामने आयेगें और उन दष्ढ़ सिद्धान्तों को दर्षायेगें। ये वे नमक है जिनका स्वाद बरकरार है। ये तब होता है जब काम परिश्रम से आगे बढ़ता है और जब कलीसियायें सच्चे सहायक को तैयार करती है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च-5:130) ChsHin 315.2

कोई भी व्यक्ति परमेष्वर की सेवा के काम में सफलता नहीं पा सकता जब तक की उसका पूरा मन उस काम में न लगा हो। वह सब वस्तुओं को पता है। किन्तु प्रभु यीषु के ज्ञान का उत्कष्श्टता को खो देता हैं। कोई भी व्यक्ति जो अपने आप में जीता हैं, वह प्रभु यीषु का षिश्य नहीं हो सकता और न ही उसके साथ मिलकर काम करने वाला ही हो सकता। ChsHin 315.3

उन्हें केवल अपने विचारों में लीन नहीं होना है, न ही उन्हें किसी अविष्वासी के साथ अन्य उद्योगों या व्यवसाय को करने में लगाना है। क्योकि ये सब काम उन्हें परमेष्वर और उसके दिये गये कार्यों से दूर कर देते है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च-9:19) ChsHin 315.4

हमारा उद्धारकर्ता बंटा हुआ सेवा कार्य स्वीकार नहीं करेगा। प्रतिदिन प्रभु के सेवक को स्वयं का इंकार करने का अर्थ समझना जरूरी है। (गॉस्पल वर्क्स 113) ChsHin 316.1