जब परमेश्वर किसी विशेष काम को पूरा करने के लिये मार्ग खोलता और उसको निश्चित सफलता देता है, तब उस चुने हुये कार्यकर्ता को सब काम उसकी सामर्थ में रहकर करना होते है, ताकि वायदा किया हुआ परिणाम प्राप्त हो। जितना जोश और किये गये परिश्रम के तुल्य जो काम आगे बढ़ाया गया, उसके अनुसार सफलता दी जायेगी। (प्रोफेट्स एण्ड किंग्स 263) ChsHin 333.4