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सफलता का रहस्य ChsHin 44

नौजवानों, प्रभु को जानने के लिये अग्रसर हो और तब तुम जानोगे कि ” उसका आगे आना” प्रतिदिन सुबह होने के समान पहले से ही नियोजित है। उसकी खोज में लगे रहो, ताकि सुधार हो सके। पूरी तन्मयता से प्रभु के साथ अपनी पहचान बनाने के लिये प्रयास करते रहो। प्रभु यीशु के विश्वास में बने रहो। वे काम करो जो उसने इस पथ्वी पर रहते हुये किये। आत्माओं को बचाने में लगे रहो, जिनके लिये प्रभु ने अपना जीवन दे दिया, उन लोगों की मदद करने में जटे रहो, जो तम्हारे पास आते हैं। अपने “बड़े भाई” से पूछो और वह तुम्हें पूरी तरह से एक कोने से दुसरे कोने तक, एक नियम से दूसरे नियम तक, थोड़ा यहाँ, थोड़ा वहाँ सब कुछ अच्छी तरह सिखायेगा। वह जिसने पूरे जगत को मष्यु से बचाने के लिये स्वयं अपना बलिदान दे दिया, उससे अपना ऐसा गहरा संबंध बना लो कि वह तुम्हें अपना ग्रहण योग्य सेवक बना लें। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 6:416) ChsHin 44.2