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बीस में से एक भी तैयार नहीं ChsHin 54

ये एक गम्भीर कथन है जो मैं कलीसिया के लिये कहता हूँ, कि वे बीस लोग जिनके नाम कलीसिया की नामांकन पुस्तक में लिखे हुये हैं, उनमें से एक भी इस दुनिया के इतिहास के खत्म होने के पूर्व दिये गये काम को करने के लिये तैयार नहीं है, और ऐसे ही लोग परमेश्वर से रहित होंगे और उस उद्धार ChsHin 54.2

की आशा जो केवल प्रभु यीशु में है, उससे भी दूर होकर पापियों के साथ गिने जायेंगे | उनके सारे काम दिखावे के हैं, संसार के लिये हैं, जबकि उन्हें लगता है कि वे प्रभु की सेवा में लगे है, वे तो परमेश्वर से ज्यादा मनुश्यों की सेवा में अधिक दिलचस्पी दिखाते हैं। ऐसे आधा—आधा बांट कर किया गया काम लगातार यह दर्शाता है कि वे प्रभु का इंकार करते है न कि उसके प्रति समर्पित हैं। ऐसे बहुत से लोगों को कलीसिया में लाया गया है, जिन्होंने आत्मिक रूप से समर्पण नहीं किया है न ही वे पवित्र हुये है; उनका अपना आत्मिक प्रभाव अभी भी अनैतिकता भ्रश्टाचार सांसारिक भावनाओं से ओत-प्रोत, उनके हृदय, उनके उद्देष्य, उनके दिन प्रतिदिन के कार्यकलाप सभी सांसारिक बुराईयों से भरे हुये हैं, फिर भी अपने आपको प्रभु का सेवक होने का दावा करते हैं। पापियों का जीवन जीते मसीही होने का दावा करते हैं। यदि वे सच्चे मसीही हैं तो प्रभु यीशु का अंगीकार करेंगे और उस पाप भरे जीवन को छोड़कर निकल आयेंगे, किसी अपवित्र वस्तु को छुयेंगे नहीं और उनसे दूर रहेंगे। ChsHin 54.3

मैंने अपनी कलम नीचे रख दी और अपनी आँखें ऊपर उठाकर प्रार्थना करने लगी कि हे पिता इन सूखी हड्डियों में जान फूंक दे कि ये जीवित हो जायें, ये पाप में गिर गये थे, इन्हें बचा लें। अंत करीब है, समय चुपचाप हमसे चुराया जा रहा है और हम इससे बेखबर हैं। बिना आवाज किये बिना बताए जैसे एक षातिर चोर रात के समय अपने काम को अंजाम देता है जब सभी नींद की गफलत में होते हैं। जब उन्हें आभास भी नहीं होता और चोर चुपचाप चोरी करके चला जाता है। सोने वाले इस बात से अंजान बिना तैयारी के सोये रहते है। हे पिता, ऐसे लोगों के हृदय पवित्र आत्मा से कायल कर दे जो बडे आराम का जीवन जी रहे है ताकि वे अन्य लोगों की तरह सोते ही न रह जाये। किन्तु चौकस रहे जागते रहें। (द जनरल कान्फ्रेन्स बुलेटिन- 1893, 132, 133) ChsHin 54.4