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মহান বিবাদ

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    सम्पादकीय :

    प्रिय पाठको,
    यह किताब -‘महान विवाद’ जो यीशु और उसके दूतो, शैतान और उसके बुरे दूतों के बीच चल रहा है, उसे बहन ह्वाईट ने लिखी है। यह किताब जो यीशु के जल्द आने की प्रतीक्षा कर अपने को तैयार कर रहे है, उनके लिये बहुत आशिष का कारण होगा। जब वे इस किताब को पढ़ेंगे और यहाँ लिखे गए संवाद को समझेंगे तो उन्हें बहुत ही मूल्यवान वचन रूपी सच्चाई को जानने का मौका मिलमा ।
    GCam 229.1

    इस दुनिया में चारों ओर घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय समस्याएँ पाते हैं। ये तो यीशु के जल्द आने के समाचार हैं। इन्हें देखकर हमें घबड़ा कर निराश नहीं होना है पर हमें निडर होकर जो आने वाली घटनाएँ हैं उन्हें दूसरों को सिखाना है।GCam 229.2

    धन्य हैं वे जो उसकी सारी आज्ञाओं को पालन करते हैं क्योंकि उन्हें जीवन के पेड़ के पास आने का और उसका फल खाने का अधिकार मिलेगा। ये नगर के फाटक से हो कर प्रवेश करेंगे। आखिर में सबको एक चित्त होकर एक दूसरे पर दया करना चाहिए । बुराई के बदले बुराई के बदले बुराई नहीं करना पर उन्हेंआशिष देना चाहिए। क्योंकि आप इसी के लिये बुलाए गए हैं जिससे आशीष का भागीदार हों । जो जीवन से प्रेम रख कर अच्छा दिन देखना चाहता है, उसे बुरी बात कहने से अपनी जीभ को रोकना है और झूठ बोलने से भी। उसे बुराई का रास्ता छोड़ कर भलाई को अपनाना चाहिए । शान्ति का मार्ग की खोज करनी चाहिए। क्योंकि ईश्वर की आँखें धर्मियों की ओर झुकी रहती हैं और उसके कान उनकी प्रार्थनाओं की ओर । पर जो बुराई करते हैं उसकी ओर से ईश्वर के चेहरे फिर जाते हैं।GCam 229.3

    सेवेन्थ डे एडवेन्टिस्ट, कालिम्पोंग - दार्जीलिङ्ग हिल मंडली की ओर से मैं भाई दानियेल विन्टरस को सहृदय से धन्यवाद देता हूँ। क्योंकि उन्हीं की मदद से महान संघर्ष की किताब ‘असामीज’ भाषा में छपवायी गई हैं जिसकी आवश्यकता और माँग बहुत बढ़ गई है। हमारे हर घर के लिए बहुत ही आशिष का कारण होगा। कोई टीका-टिप्पणी या सलाह की बात हो तो निम्न पते पर दें। हमारे प्रभु यीशु खीस्त का अनुग्रह सब को मिले । आमीन!GCam 230.1

    प्रवीण किशोर तमसंग, मंडली सेवक
    दार्जीलिङ्ग गोर्खा हिल एवं सिक्किम स्टेट
    सेवेन्थ डे एडवेन्टिस्ट
    पो० ओ० कालिम्पोंग - ७३४ ३०१
    जिला - दार्जीलिङ्ग

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