समयानुसार संदेश
मैं अपने सारे कलीसियों के सदस्यों, जो प्रभु के सच्चे सेवक वे सब जो तीसरे स्वर्गदूत के संदेश में विश्वास करते, वे सब जो सब्बत को प्रभु के भवन में जाने से स्वयं को रोकते और जो यशायाह के अट्ठावन अध्यायों के संदेश को नहीं मानते, उनसे कठोरता पूर्वक आग्रह नहीं कर सकती। एक काम जो सबके लाभ का है, इस अध्याय में जोड़ दिया गया है, वह यह है कि परमेश्वर आज के समय में अपने लोगों से क्या करने को कहता है ? ये वह कार्य है जो उसने खुद हमें सौंपा है। हमें संदेह में नहीं रखा गया है कि वह संदेश कहाँ के लिये है ? और यह कि यह कब पूरा होगा ? क्योंकि हम पढ़ते है; वे लोग जो तेरे होंगे, तेरे उस पुराने खण्डहर को बनायेंगे; तू उन अनगिनत पीढ़ियों की नींव फिर से उठायेगा और तू उस दरार को मरम्मत करने वाला, मार्गो को तैयार करने वाला कहलायेगा कि वे उस पर चल सकें।ChsHin 180.3
परमेश्वर का स्मारक साँतवा दिन सब्बत उसके जगत को बनाने के काम का चिन्ह उस पाप के मानव द्वारा बदल दिया गया है। परमेश्वर के लोगों को ये विशेश काम सौंपा गया है कि वे परमेश्वर के नियम में जो ‘दरार’ आ गई है, उसे मरम्मत कर सही करें। और जैसे-जैसे हम जगत के अंत में पहुंच रहे हैं, ये काम और भी जरूरी हो गया है। वे सभी जो प्रभु से प्रेम रखते हैं, वे ये दिखायेंगे उसकी आज्ञा का पालन, सब्बत का पालन करते हुये जो उसकी आज्ञा है मान रखेंगे। वे उस मार्ग पर चलते हुये उसे प्रशस्त करते हैं। एक उचित चिकित्सा सहायता कार्य परमेश्वर की आज्ञाओंChsHin 181.1
का पालन करते हुये किया जा सकता हैं, उनके बिना तो बिल्कुल नहीं। विशेशकर सब्बत इसी के लिये बताया गया हैं क्योकि ये परमेश्वर के रचनात्मक कार्य का स्मारक है। इसका पालन किया जाना मनुश्य में प्रभु के नैतिक स्वरूप को वापस लाने के लिये अत्यंत आवश्यक है। यही प्रभु के लोगों की सेवा और प्रचार कार्य है जो आज के समय में आगे बढ़ाना है प्रचार करना है। यह सेवा यदि सही प्रकार की जाती है तो कलीसिया अत्यंत आशीशित होगी। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 6:265, 266)ChsHin 181.2
जो घरेलू कार्यों में लगे रहते हैं वे हमेषा कार्य करते हैं। इसलिये नहीं कि उनके पास बहुत काम है किन्तु इसलिये कि काम योजना बद्ध तरीके से नहीं करते कि समय की बचत हो। उनकी इस धीमी गति से जहां ज्यादा काम होना चाहिए, वहां कम ही काम होता है। किन्तु सब को इस देरी से काम करने की बुरी आदत छोड़ना होगा। उनको काम करने का एक उद्देष्य दें, ये निश्चित करें कि दिये गये काम को करने में कितना समय लगेगा। और सारी ताकत उस काम को जल्दी से जल्दी करने में लगाओ। इस प्रकार काम करने की इच्छा षक्ति आपके हाथों को काम जल्दी पूरा करने में सक्षम ठहरायेगी। (क्राइस्ट ऑब्जेक्ट लैसन्स- 344) ChsHin 181.3
खीश्ट यीशु का काम पूर्ण आज्ञापालन की मांग करता है। (द सदर्न वॉचमेन- 09 अगस्त 1904) ChsHin 182.1
प्रभु चाहता है कि उसके सेवकों में आत्माओं के महत्त्व को महसूस करने की समझ होना चाहिये, काम को जल्दी पूरा करने की इच्छा, परमेश्वर के द्वारा सौपा गया उत्तरदायित्व निभाने का जज्बा हो। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 9:123) ChsHin 182.2
मेहनतकषी व परिश्रम धर्म का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा है, जो परमेश्वर के द्वारा नियुक्त, कर्त्तव्य को पूरा करने में उपयोगी है, मनुश्य को परिस्थितियों पर काबू पाने और परमेश्वर ही इच्छा को पूरी करने के लिये उसके हाथ का काम करना चाहिये। उचित व निर्णायक कार्य जो सही समय पर किये जायें, वे सफलता की चरमसीमा पर पहुंचेंगे। जबकि देरी से व लापरवाही से किये गये कार्य न केवल असफलता को दर्शायेंगे ओर परमेष्वर की आज्ञा बल्कि परमेश्वर का अपमान करेंगे। (प्रोफेट्स एण्ड किंग्स- 676)ChsHin 182.3