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कलीसिया के लिए परामर्श

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    परमेश्वर को व्यक्तिगत दिलचस्पी अपनी संतान में

    धर्म पुस्तक परमेश्वर और मसीह के बीच के संम्बध को स्पष्ट रुप से बतलाती है, वह उन दोनों के रुप तथा व्यक्तित्व को हमारी दृष्टि के सामने स्पष्ट करती है.ककेप 134.6

    परमेश्वर मसीह का पिता है;मसीह परमेश्वर का पुत्र है. मसीह को उच्च पद दिया गया है. वह पिता के बराबर बनाया गया है.परमेश्वर की अब बातें पुत्र के सामने प्रगट हैं.ककेप 134.7

    यूहन्ना के सतहवे अध्याय में मसीह के शिष्यों की प्रार्थना में इय मेल का वर्णन किया गया हैं.ककेप 135.1

    मैं केवल इन्हीं के लिए विनती नहीं करता, परन्तु उनके लिए भी जो उन के वचन के द्वारा मुझ पर विश्वास करेंगे कि वे सब एक हों. जैसा तू है पिता मुझ में है, और मैं तुझ में हूँ; वैसा ही वे भी हम में हों, मैं ने उन्हें दी है कि वे वैसा ही एक हों जैसे तू है पिता मुझ में है, और मैं तुझ में हूँ इसलिए कि जगत प्रतीति करे कि तू ही ने मुझे भेजा,और वह महिमा जो तू ने मुझे दी, मैं ने उन्हें दी है कि वे वैसा ही एक हों जैसे की हम एक है.मैं उनमें और तू मुझमें कि वे सिद्ध होकर एक हो जाएं और जगत जाने कि तू ही ने मुझे भेजा और जैसा तू ने मुझ से प्रेम रखा वैसा ही उनसे प्रेम रखे.(यूहन्ना 17:20-23) क्या ही आश्चर्यजनक कथन वह रखता जो मसीह और उसके शिष्यों के बीच में है एक दूसरे के व्यक्तिगत को मिटा नहीं डालता.वे अभिप्राय, विचार, चरित्र में एक हैं परन्तु व्यक्तित्व में नहीं. इसी तरह से मसीह और परमेश्वर भी एक हैं.ककेप 135.2

    हमारे परमेश्वर के अधिकार में स्वर्ग और पृथ्वी दोनों हैं और वह जानता है कि हमें क्या-क्या आवश्यक है. हम अपने सामने केवल थोड़ा सा ही देख सकते हैं. और सृष्टि की कोई वस्तु उससे छिपी नहीं है वरन् जिससे हमें काम है उसकी आँखों के सामने सब वस्तुएं खुलीं और बेपरदा हैं.’’(इब्रानियों 4:13)ककेप 135.3

    स्वर्गीय पिता की इच्छा के बिना एक भी चिड़िया भूमि पर नहीं गिर सकती. परमेश्वर की ओर शैतान की घृणा उसको मूक पशुओं तक के नष्ट करने पर हर्ष दिलाती है. केवल परमेश्वर ही की सुरक्षा द्वारा चिड़िया अपने आनन्द के गीतों से हमें प्रफुल्लित करने के लिए सुरक्षित रखी जाती है. परन्तु वह नन्ही गौरियों को भी नहीं भूलती हैं.’’इस लिए,डरो नहीं; तुम बहुत गौरियों से बढ़कर हो.’’(मत्ती 10:39)ककेप 135.4